धर्मेंद्र का अंतिम अध्याय: 90वें जन्मदिन से केवल 14 दिन पहले बॉलीवुड का ‘ही-मैन’ दुनिया को कह गया अलविदा

भारतीय सिनेमा के सबसे चमकते सितारों में शामिल धर्मेंद्र अब हमारे बीच नहीं रहे। अपने 90वें जन्मदिन से मात्र 14 दिन पहले उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। यह खबर ऐसे समय में आई जब लाखों प्रशंसक उनके दीर्घ जीवन का जश्न मनाने की तैयारी कर रहे थे।
उनका जाना सिर्फ एक सुपरस्टार का अंत नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा के एक स्वर्णिम युग का समापन है। उनकी मुस्कान, उनकी सादगी, उनका रोमांटिक अंदाज़ और हीरो जैसा जज़्बा—सब कुछ आज भी लोगों के दिलों में ताजा है।
धर्मेंद्र: बॉलिवुड की वो धड़कन जो हर पीढ़ी की पसंद बनी
धर्मेंद्र ने 1960 के दशक में फिल्मों में कदम रखा और देखते ही देखते करोड़ों दिलों पर राज करने लगे।
उनके अंदर एक अलग ही जादू था—एक रोमांटिक हीरो भी, एक्शन स्टार भी, और कॉमेडी का बेहतरीन टाइमिंग भी।
उनकी अदाकारी की सबसे बड़ी खासियत—नैचुरल परफ़ॉर्मेंस
वह किसी भी किरदार को ऐसे निभाते जैसे वह उनके ही जीवन का एक हिस्सा हो।
चाहे ‘शोले’ में वीरू की मस्ती हो या ‘अनुपमा’ का संवेदनशील प्रेम—उन्होंने हर भूमिका में खुद को साबित किया।
उनकी कुछ सदाबहार फिल्में—
- शोले
- चुपके चुपके
- धर्मवीर
- राजकुमार
- सीता और गीता
- आज़ाद
- रज़िया सुल्तान
- यमला पगला दीवाना
शुरुआती सफर: संघर्ष की कहानी जिसने बनाया सुपरस्टार
भले ही आज धर्मेंद्र सुपरस्टार कहलाते हों, पर उनकी शुरुआत आसान नहीं थी।
- 1935 में पंजाब के कपूरथला में जन्म
- बचपन से ही फिल्मों के प्रति आकर्षण
- फिल्मों में आने से पहले कई छोटे काम
- अभिनय की तलाश में मुंबई आना
- ‘न्यू टैलेंट हंट’ प्रतियोगिता जीतने के बाद पहली फिल्म का मौका
उनकी मेहनत और इच्छाशक्ति ने उन्हें उस मुकाम तक पहुँचाया, जहाँ पहुँचने का सपना हर कलाकार देखता है।
फिल्मी करियर का सुनहरा दौर
1960 से 1980 तक का समय धर्मेंद्र के नाम रहा।
उन्होंने एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दीं।
दर्शक फिल्मों में उनकी एंट्री का इंतजार करते और सिनेमाघरों में सीटियाँ गूंज उठतीं।
रोमांस के बादशाह
धर्मेंद्र की आंखों की मासूमियत और मुस्कान ने उन्हें रोमांटिक हीरो की छवि दी।
उनकी जोड़ी आशा पारेख, शर्मिला टैगोर और हेमा मालिनी के साथ खूब पसंद की गई।
एक्शन के ही-मैन
जब बॉलीवुड में एक्शन की शुरुआत हो रही थी, धर्मेंद्र ने अपने दम पर इसे नई पहचान दी।
उनकी बॉडी लैंग्वेज, ताकत और जोश ने उन्हें “ही-मैन” का खिताब दिलाया।
कॉमेडी के उस्ताद
‘चुपके चुपके’ जैसी फिल्मों में उन्होंने दिखाया कि वह सिर्फ एक्शन हीरो नहीं, बल्कि बेहतरीन कॉमेडियन भी हैं।
परिवार: उनके जीवन की असली ताकत
अपने परिवार से वह बेहद प्यार करते थे।
हेमा मालिनी के साथ उनकी जोड़ी बॉलीवुड की सबसे चर्चित जोडि़यों में से एक रही।
सनी देओल और बॉबी देओल ने हमेशा बताया कि कैसे उनके पिता ने उन्हें कभी दबाव में नहीं रखा, बल्कि हमेशा प्रेरित किया।
धर्मेंद्र की सादगी
कहते हैं कि वह आज भी गांव की मिट्टी और उसके लोगों को नहीं भूले थे।
उनका व्यवहार, बोलचाल, पहनावा—सबमें देसीपन झलकता था।
इसी वजह से लोग उन्हें असल जिंदगी में भी एक साधारण, विनम्र इंसान मानते थे।
आखिरी दिनों में स्वास्थ्य बिगड़ता गया
पिछले कुछ महीनों से उनकी तबीयत को लेकर चिंता की स्थिति बनी हुई थी।
परिवार और डॉक्टरों ने उनकी देखभाल में कोई कमी नहीं छोड़ी।
हाल ही में उनकी हेल्थ अचानक से कमजोर हुई और फिर उन्होंने अंतिम सांस ली।
उनके परिवार की तरफ से जारी बयान पढ़कर हर किसी की आंखें नम हो गईं।
फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर
धर्मेंद्र के निधन ने पूरे बॉलीवुड को स्तब्ध कर दिया।
दिग्गज कलाकारों, निर्देशकों और नई पीढ़ी के अभिनेताओं ने उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की।
- अमिताभ बच्चन: “यह सिर्फ एक साथी कलाकार की मौत नहीं, एक युग का अंत है।”
- हेमा मालिनी: “मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा सहारा चला गया।”
- सनी देओल: “पापा आज भी मेरे हीरो हैं और रहेंगे।”
- बॉबी देओल: “उनकी सीख और प्यार हमेशा साथ रहेगा।”
सोशल मीडिया पर लाखों फैन्स ने श्रद्धांजलि दी।
लाखों दिलों की धड़कन—धर्मेंद्र की लगन, प्यार और इंसानियत
धर्मेंद्र को सिर्फ फिल्मों के लिए नहीं, बल्कि उनके इंसानियत भरे दिल के लिए जाना जाता था।
1. बेहद सहृदय और विनम्र
कई लोग बताते थे कि सेट पर वह सबसे पहले आते और सबसे बाद में जाते।
वे छोटे कलाकारों और तकनीशियनों से भी बेहद प्यार से पेश आते।
2. रिश्तों को दिल से निभाने वाले
दोस्तों के लिए हमेशा खड़े रहने वाले और परिवार के लिए ढाल की तरह।
3. अपनी मिट्टी से जुड़े रहने वाले
पंजाब के किसानों, गांवों और लोगों से उनका लगाव हमेशा बना रहा।
सोशल मीडिया पर उमड़ी श्रद्धांजलि—फैंस को लगा निजी नुकसान
देशभर के लोग इस खबर को सुनकर मानो हिल गए।
कई लोगों ने लिखा कि:
“धर्मेंद्र सिर्फ अभिनेता नहीं थे, घर का हिस्सा थे।”
फैंस ने उनकी पुरानी तस्वीरें, संवाद, फिल्मी क्लिप्स साझा कर अपने तरीके से उन्हें याद किया।
अंतिम संस्कार में उमड़ा जनसैलाब
उनके अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
फिल्म जगत के दिग्गज सितारे, राजनेता और हजारों आम लोग—सभी उन्हें अंतिम बार अलविदा कहने आए।
लोगों के चेहरे पर उदासी साफ झलक रही थी।
हर किसी की जुबान पर एक ही बात—
“ऐसे इंसान बार-बार नहीं जन्म लेते।”
धर्मेंद्र की विरासत: आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा
1. अभिनय की पाठशाला
नए अभिनेताओं के लिए धर्मेंद्र हमेशा एक प्रेरणा स्रोत रहे।
उनकी फिल्मों से नैचुरल एक्टिंग और स्क्रीन प्रेज़ेंस सीखी जाती है।
2. मेहनत और संघर्ष का संदेश
उन्होंने साबित किया कि बड़े सपने पूरे होते हैं, अगर जुनून हो।
3. परिवार और मूल्यों की मजबूती
उनकी जिंदगी सिखाती है कि सफलता के साथ घमंड नहीं, विनम्रता होनी चाहिए।
धर्मेंद्र हमेशा याद रहेंगे—क्योंकि वह सिर्फ हीरो नहीं, भावनाएँ थे
धर्मेंद्र एक कलाकार से बढ़कर एक भावना थे।
उनकी आवाज, उनकी हंसी, उनका अंदाज़—सब कुछ भारतीय सिनेमा की यादों में हमेशा सुरक्षित रहेगा।
उनका जाना अपूरणीय क्षति है, लेकिन उनकी विरासत हर फिल्म, हर गीत और हर याद में हमेशा जिंदा रहेगी।
निष्कर्ष
90वें जन्मदिन से 14 दिन पहले उनका जाना हर किसी के दिल को गहरा दुख दे गया।
लेकिन यह सच है कि:
“महान लोग मरते नहीं… वे हमारी यादों में हमेशा चमकते रहते हैं।”
धर्मेंद्र का नाम, उनकी फिल्में और उनका व्यक्तित्व आने वाली पीढ़ियों तक प्रेरणा का स्तंभ बने रहेंगे।



